ड्रीम वैली प्रोजेक्ट सिर्फ सपना ही रहेगा?

ग्रेटर नोएडा टेक जोन 4 में ड्रीम वैली की निर्माणाधीन साइट पर हुए हादसे में आठ मजदूरों की मौत हो गई। हादसा शुक्रवार को हुआ था, चार ने उसी दिन दम तोड़ दिया जबकि जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराए गए चार अन्य ने अगले दिन शनिवार को। मरने वालों में यूपी-बिहार के मजदूर थे। यह प्रॉजेक्ट 2009 में लॉन्च हुआ था और इसे लेकर आया था आम्रपाली बिल्डर। दूसरी परियोजनाओं से कुछ सस्ता रेट था सो बुकिंग जबरदस्त हुई। कई बैंकों ने इस परियोजना में एग्रेसिवली लोन किया। नोएडा में इसका दफ्तर था, जहां पेमेंट देने के बाद लोग रसीद लेने जाते थे, मेले सा नजारा रहता था। बाद में बिल्डर दिवालिया हो गया, जेल चला गया और इस प्रोजेक्ट का नाम सिर्फ ड्रीम वैली कोर्ट रिसीवर ने रख दिया। इसके जो टावर 18 तक के थे, उन्हें बढ़ाकर 22 फ्लोर कर दिया गया। इस आधार पर कि मुआवजे का पैसा देने के लिए अतिरिक्त रकम की जरूरत है। परियोजना में अधिकतर उन्हीं लोगों ने बुकिंग कराई थी, जो किसी तरह एनसीआर में अपनी छत चाहते थे। न उनकी इससे निकलने की हैसियत थी, न व्यक्तिगत स्तर पर कोर्ट कचहरी करने की। फ्लोर में बदलाव होने पर भी बैंकों ने फ्लेक्सी ...