राहुल गांधी को धान बोना है तो पहले नर्सरी बनानी होगी

हरियाणा की धरती धान की खेती के लिए नहीं बनी है, लिहाजा शनिवार को सोनीपत में की गई धान की रोपाई वोटों और सीटों में कितना तब्दील होगी, यह देखने लायक होगा। यहां राज्य सरकार जमीन की उर्वरता और ग्राउंड वॉटर लेवल बचाए रखने के लिए सात हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि उन किसानों को देती है, जो अपने खेतों में धान नहीं बोते। धान की सफल खेती के लिए आमतौर पर पहले उसकी नर्सरी बनाई जाती है। फिर उसमें जब पौधे बालिश्त भर के हो जाएं तो उन्हें वहां से जड़ समेत उखाड़ कर घुटनों तक पानी में डूबे खेतों में लगाया जाता है। राजनीतिक सन्दर्भ में आप नर्सरी को संगठन और फसल को चुनाव लड़ने वाले नेताओं के रूप में देख सकते हैं। हरियाणा कांग्रेस की नर्सरी प्रदेश में कई साल से बंजर पड़ी है। लोकसभा और विधानसभा के कई चुनाव पार्टी ने बिना संगठन के ही लड़ा। आज की डेट में पार्टी का लोकसभा में प्रदेश से कोई नुमाइंदा नहीं है। दूसरी तरफ राज्य विधानसभा में पार्टी सदस्यों की संख्या के लिहाज से बेहतर हालात में है और राज्य का प्रमुख विपक्षी दल है। इसी द्वंद्व में पार्टी यह तय नहीं कर पा रही है कि धान बोने के लिए नर्सरी तैयार करनी ...