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Showing posts from January, 2018

Goa ने कहा, we r made 4 each other समझे

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और फाइनली जब टूर खत्म हुआ तब सागर की लहरों ने, हमें देखकर रेत में छिपते केकड़ों ने, समुद्र के उस पर डूबते सूरज ने,  फ्रांसिस और पीटर ने, प्रिंसिया और मारिया ने, club mahindra ने, varca विलेज के खेतों ने, झोंपड़ीनुमा दुकानों ने और एटीएम तक पैदल ले जाने वाले दो किमी लंबे रास्ते ने मानो कहा, अब्बी तुम जा रहा है लेकिन तुम फिर आना। GOA का मतलब समझो- go यानी अभी जाओ और आ यानी फिर आना। मैं तुम्हें फिर से एनर्जी से भर दूंगा। में तुम्हारी वो मिडल क्लास हेज़िटेशन हमेशा के लिए दूर कर दूंगा, जिसके चलते तुम बियर की बोतल हाथ में लेने के बाद इधर-उधर झांकते हो कि कहीं कोई तुम्हें देख तो नहीं रहा। मैं तुम्हारे अंदर इतना आत्मविश्वास भर दूंगा कि तुम खुलेआम अपने पार्टनर की कमर में हाथ डालकर सागर की रेत पर और मडगांव बाजार में घूमोगे। मैं तुम्हें कभी ये सोचकर परेशान नहीं होने दूंगा कि यार क्या पहनूं, आज मेरे पास कोई धुली शर्ट नहीं, सिर्फ स्लीवलेस बनियान है। में तुम्हें कभी बोर नहीं होने दूंगा, तुम सिर्फ मेरा लहरों पर मचलना देखते रहो। अगली बार तुम जब भी आएंगा, हम तुम्हें कोई और नई चीज दिखाएंगा। मैं कोंकणी...

चोर को जाने दो, तबला बजाने दो

अक्कड़-बक्कड़ बंबे बो अस्सी-नब्बे पूरे सौ सुई में लागा  धागा चोर निकलके भागा चोर को जाने दो तबला बजाने दो तबले में तोते हाथी जी के पोते पिछले दिनों पशुपालन घोटाले की सुनवाई के दौरान जब लालू यादव ने जज से कहा कि हुजूर, जेल में बहुत ठंड लगती है तो सीबीआई कोर्ट के विशेष जज ने छूटते ही कहा कि तबला बजाइये, गर्मी आ जाएगी। नब्बे के दशक में जब इस केस की सुनवाई चल रही थी तब एक अदालत ने फैसले के दौरान कहा था कि जब रोम जल रहा था तब नीरो चैन की बंसी बजा रहा था। नीरो के बारे में कहा जाता है कि जब रोम जल रहा था, तब वह बंसी बजा रहा था। बिहार में एक राजनीतिक कहावत है, रोम पोप का, मधेपुरा गोप का। मधेपुरा से 2004 में लालू यादव और शरद यादव आमने-सामने लोकसभा का चुनाव लड़ रहे थे तब एक जुमला उछला था-रोम पोप का, मधेपुरा किस गोप का? बाद में एक गोप (लालू यादव) पशुपालन घोटाले में फंस गए। हालांकि लालू ने उस चुनाव में शरद को हरा दिया था। बिहार विधानसभा में इस दौरान एक बार लालू यादव ने चारा घोटाले को लेकर हो रहे हो-हंगामे के दौरान कहा था कि कृष्ण भी कहते रहे कि, ‘मैं नहीं माखन खायो’, लेकिन किसी ने ...

युवा साल की शुभकामनाएं

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सदी के युवा वर्ष का इस्तकबाल और खैरमकदम।तरुणाई का साल होता है सोलहवां और युवापन का अठारहवां। इस हिसाब से 2018 युवा साल हुआ और यह एक सदी में एक ही बार आता है, बिल्कुल जीवन में आने वाले यौवन की तरह। युवा यानी बदलाव की इच्छा का काल यथासिथति वाद का विरोध। हालात को बदलने का माद्दा और इसके लिए मुद्दों का इंतज़ार करने की जरूरत नहीं। रहनुमाओं की अदाओं पर फिदा होने के बजाय खुद समाज को दिशा दिखाने का वक़्त। वैसे सर्द रात जिस तेजी से घनी सफेद चादर ओढ़ती जा रही है उससे लगता है कि सर्वेश्वर दयाल सक्सेना सुबह एक बार फिर प्रासंगिक रहेंगे : खेतों की मेड़ों पर धूल भरे पांव को कोहरे में लिपटे उस छोटे से गांव को नए साल की शुभकामनाएं