ब्राह्मण शंख बजाएगा, पर हाथी किधर जाएगा?

अयोध्या सम्मेलन की तस्वीरें। फोटो : खेमराज वर्मा 23 जुलाई यानी शुक्रवार को अयोध्या में बसपा का एक सम्मेलन हुआ, जिसे पहले ब्राह्मण सम्मेलन नाम दिया गया था, फिर ऐन वक्त पर उसे ‘प्रबुद्ध वर्ग विचार गोष्ठी’ नाम दे दिया गया। इस सम्मेलन में परंपरागत नारों के अलावा जय श्रीराम और जय परशुराम के भी नारे लगे। बीबीसी की रिपोर्ट है कि नारे तो परशुराम के नाम के जरूर लगे, लेकिन मंच पर उनकी कोई फोटो नहीं थी। इस बारे में पूछे जाने पर सम्मेलन में मौजूद लोगों ने बताया कि मंच पर फोटो तो उसी की लगेगी, जिसने समाज के लिए कुछ किया हो। राम और परशुराम के जयघोष के बीच जब बीबीसी ने सतीश चंद्र मिश्रा को बसपा के पुराने विवादास्पद नारों की याद दिलाई तो उन्होंने कहा कि ये नारे न तो किसी बसपा नेता ने कभी लगाए और न ही ऐसै नारे कभी मंच से लगाए गए। सतीश चंद्र मिश्रा ने वहां तमाम धार्मिक कर्मकांड किए और उन्हें गिनाया भी। वैसे यह भी हैरान करने वाली बात है कि जब सतीश चंद्र मिश्रा यह बता रहे थे कि प्रदेश में 13 फीसदी ब्राह्मण और 23 फीसदी दलितों के पास ही सत्ता की चाबी है, उसके अगले दिन शनिवार को राजद नेता तेजस्वी ...