सिकुड़ रहा है अखिलेश यादव के ‘परिवार’ का दायरा?

अपर्णा यादव ने इस साल यूपी विधानसभा चुनाव के तुरंत पहले जब बीजेपी जॉइन की थी तब यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था कि अखिलेश अपना परिवार नहीं संभाल पाए। अब कानाफूसी यह हो रही है कि परिवार का सपा प्रमुख अखिलेश यादव के लिए क्या मतलब है? मुलायम सिंह यादव के निधन की वजह से मैनपुरी लोकसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है। अखिलेश यादव वहां पूरे मनोयोग से कैंपेन में लगे हुए हैं। लगातार रैलियां कर रहे हैं। इस चुनाव के लिए उन्होंने आने चाचा शिवपाल सिंह यादव के सार्वजनिक रूप से पैर छुए। कहा जाता है कि इस इलाके में शिवपाल यादव का प्रभाव है। इसी समय रामपुर और खतौली विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव हो रहे हैं, जहां पार्टी प्रमुख होने के नाते अखिलेश यादव को जाना चाहिए था, लेकिन अभी तक नहीं पहुंचे हैं। उनका सारा फोकस मैनपुरी सीट पर है। यह तय करना आसान भी है और नहीं भी कि उनका उद्देश्य अपनी पत्नी को चुनाव जिताना है या मुलायम सिंह यादव की विरासत बचाना। इससे पहले आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में इसी परिवार के धर्मेंद्र यादव सपा से लड़ रहे थे। अखिलेश एक दिन भी प्रचार करने नहीं गए। नतीजे आए तो अखिलेश य...