बक्सर के राम और देश का रामायण सर्किट

प्रस्तावित रामायण सर्किट का रूट मैप प्रस्तावित रामायण सर्किट। रामकथा से जुड़ी जगहों का कॉरिडोर। योजना परवान चढ़ती है या सिर्फ फाइलों की शोभा बढाती है, यह देखना बाकी है। चूंकि बक्सर के लोग नमामि गंगे प्रॉजेक्ट को लेकर खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। बक्सर रामकथा के लिहाज से कितना महत्वपूर्ण है और इस शहर में राम का कितना असर है, यह जानना जरूरी है। राम की कहानी कहा जाता है कि विश्वामित्र राम लक्ष्मण खस्ताहाल और बंद हो चुका बक्सर का साउंड एंड लाइट को लेकर अयोध्या से बक्सर आये और यहां चैत्ररथ वन में उनकी शिक्षा दीक्षा और अपनी तपस्या शुरू की। यह वन देव, दानव, साधु, संन्यासियों सबको लुभाता था। राम ने यहां सुबाहु और ताड़का को मार डाला और विश्वामित्र की यज्ञ रक्षा की थी। इसके बाद पड़ोस में स्थित गौतम ऋषि के आश्रम मेँ जाकर शिला बनीं उनकी पत्नी अहिल्या का उद्धार किया था। उसके बाद राम सीता स्वयंवर में हिस्सा लेने मिथिलांचल चले गए थे। आधुनिक बक्सर में चैत्ररथ वन ही चरित्रवन के नाम से मशहूर है। कहा यह भी जाता है कि राम ने जब ताड़का को मार डाला तब उन्होनें पांच गांव की परिक्रमा की थी। ...