क्या सिपाही विद्रोह की ओर बढ़ रहा है उत्तर प्रदेश?

लखनऊ में एप्पल के एरिया मैनेजर विवेक तिवारी हत्याकांड के बाद क्या पुलिस में बगावत हो रही है? हत्या का आरोप दो सिपाहियों पर है और दोनों को बर्खास्त कर जेल भेजा जा चुका है। इसके बाद जिस तरह इनके (खासकर बर्खास्त सिपाही प्रशांत) के पक्ष में जिस तरह दूसरे सिपाही सोशल मीडिया पर कैंपेन चला रहे हैं, वह चिंता का विषय है। आलम यह है कि प्रशांत की पत्नी के एकाउंट में कल सिपाहियों ने करीब सवा पांच लाख रुपये मदद के लिए डाले हैं। जब प्रशांत को पकड़ा गया तब उसकी पत्नी दिन भर वर्दी में अपने पति का बचाव करती टीवी चैनलों पर दिखी थी।
विवेक के साथ मौजूद रहीं सना खान ने मीडिया को बताया है कि घटना के बाद उनसे जल्दीबाज़ी करके तहरीर लिखवाई गई और उस दौरान आरोपी प्रशांत की सिपाही पत्नी ने इसमें अहम भूमिका निभाई।
पुलिस एक अनुशासित संगठन है और वर्दी को तमाम रिश्तों नातों से ऊपर माना जाता है। लेकिन जो दिख रहा है, उससे तो यही लगता है कि आरोपी सिपाहियों को कानून ने कुछ किया तो बाकी पुलिसवाले अपने ही अधिकारियों और सिस्टम के खिलाफ खड़े हो जाएंगे। आखिर, आरोपियों का केस लड़ने के लिए उन्होंने आर्थिक मदद कर अपने इरादे जाहिर कर ही दिए हैं।

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