गाजीपुर के वोटर कन्फ्यूजन में


इस चुनाव में दिलचस्प माहौल बना है तो वह है पूर्वी यूपी की गाजीपुर सीट पर। यहां से माफिया मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी सपा के प्रत्याशी हैं तो पारसनाथ राय बीजेपी कैंडिडेट। बसपा भी है, लेकिन दिलचस्पी दो पार्टियों की वजह से बढ़ी है। मुख्तार ही हाल ही में मौत हो चुकी है।

अफजाल अंसारी को मुहम्मदाबाद के तत्कालीन विधायक मर्डर मामले में चार साल की कैद हुई थी। उस पर स्टे है और इलाहाबाद हाई कोर्ट में रोजाना सुनवाई हो रही है। अगर सजा बहाल हो जाती है तो वह चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। अफजाल ने इसलिए अपनी बेटी नुसरत अंसारी को वहां से निर्दलीय मैदान में उतारा हुआ है।

गाजीपुर से नाम वापसी की डेट बीत चुकी है। ऐसे में अगर उन्हें सजा होती है तो भी ईवीएम में सपा उम्मीदवार वही रहेंगे। इसके विपरीत उन्हें राहत मिलती है तो वह और नुसरत दोनों मैदान में रहेंगे। सपा समर्थक कन्फ्यूजन में वोटिंग कर सकते हैं। दोनों हालत में बाप-बेटी चुनाव मैदान में रहेंगे ही।

चुनाव आयोग ने नुसरत को छड़ी चुनाव चिह्न दिया है। यह निशान बीजेपी की सहयोगी सुभासपा का भी है। ऐसे में बीजेपी समर्थक संशय में छड़ी को भी वोट दे सकते हैं। चर्चा है कि बीजेपी ने इसे लेकर चुनाव आयोग से शिकायत भी की है।

-फोटो गूगल से

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