सम्पूर्ण क्रांति

संपूर्ण क्रांति
ऐ मुहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया
जाने क्यों आज तेरे नाम पे रोना आया

है तो आज बेगम अख्तर का जन्मदिन लेकिन याद जेपी की आ रही है। अमिताभ भी एडवांस में दस्तक दे रहे हैं। बेगम अख्तर और जेपी जिंदा होते तो सौ साल से अधिक के होते। अमिताभ 11 अक्टूबर को 75 साल के हो जाएंगे।

ऊपर लिखी ग़ज़ल शकील बदायूनी की है और उसे अमर स्वर दिया था बेगम अख्तर ने। ग़ज़ल से ऊपर लिखा दो शब्दों का नारा जेपी ने दिया था और आज यह महज एक ट्रेन का नाम है जो नई दिल्ली से पटना के बीच चलती है। बेगम अख्तर के बाद कई गायकों ने इस ग़ज़ल को गाया और कई गाने की कोशिश करते हैं। लेकिन जेपी के बाद उनके घराने के किसी रहनुमा ने संपूर्ण क्रांति का नाम तक नहीं लिया। जिनकी उम्र इस समय 40 या उससे अधिक है वे आज भी अमिताभ की स्टाइल में कमर पर हाथ रखकर खड़े होते हैं या शर्ट के 2 बटन खोले रहते हैं। यहां लोहिया को भी याद करना ठीक रहेगा, क्योंकि उनकी सप्तक्रांति भी नई दिल्ली से मुजफ्फरपुर तक चलने वाली ट्रेन का नाम होकर रह गई है। यह बात और है कि up में उनके नाम पर चलने वाली पार्टी कई बार हूकूमत में रह चुकी है।

बेगम अख्तर के एक दादरा के बोल हैं, आओ सजन तुम हमरे द्वारे, सारा झगड़ा खत्म होई जाए। इसमें पूर्ण विराम है, सारा झगड़ा खत्म। इसके बाद भी इसका झगड़ा चलता रहता है। यही इसका माधुर्य है। दूसरी तरफ जेपी कहते थे कि सम्पूर्ण क्रांति में कोई ठहराव नहीं है। यह सतत चलने वाली प्रक्रिया है। इसमें पूर्ण विराम तो हरगिज़ नहीं है। हकीकत क्या है। आज कितने प्रभावशाली लोग इसका नारा भी बुलन्द कर रहे हैं। आचरण में इसे उतारना तो दूर की बात है। सम्पूर्ण क्रान्ति का एक पार्ट सामाजिक भी है। इस क्रांति से उपजे अश्वनी चौबे नामक भाजपा सांसद ने पिछले दिनों मंत्री बनने से पहले गंगाजल से कुर्सी मेज धुलवाई थी। सामाजिक न्याय की दुहाई देकर कई साल तक बिहार में जातिवादी और परिवारवादी सरकार चलाने वाले लालू यादव भी जेपी आंदोलन की ही देन हैं। तीसरे कोने पर हैं अमिताभ, जिन्होंने 75 साल की उम्र में भी अल्प विराम तक नहीं लिया। KBC में कंप्यूटर जी कहने का जो उनका लहजा है, उसके तिलिस्म से शाहरुख खान भी दर्शकों  को बाहर नहीं निकाल सके और नतीजा यह है कि बिग बी फिर KBC का शो लेकर हाज़िर हैं।

तो जेपी लोहिया क्यों मूर्तियों में ही प्रतिष्ठित होकर रह गए? बेगम अख्तर आज भी शास्त्रीय गुनगुनाहट में मौजूद हैं। अमिताभ के स्टाइल की दुनिया आज भी दीवानी है।

क्यों?

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