महाभारत और भाजपा

महाभारत काल में दुर्योधन ने दो बड़ी गलतियां की। पहली बार कृष्ण की बात नहीं मानकर और दूसरी बार कृष्ण की बात मानकर। जब कृष्ण ने कहा कि पांडवों को सिर्फ पांच गांव दे दो तब उसने कृष्ण की नहीं सुनी थी। दूसरी बार जब वह गांधारी के सामने बिना कपड़ों में जा रहा था, तब कृष्ण ने उसे ऐसा करने से रोका औऱ उसने यह बात मान ली, जो उसकी मौत का कारण बनी।

कुरुक्षेत्र के सत्ता संग्राम में बीजेपी ने भी दो गलतियां की और वह सामान्य बहुमत से पीछे रह गई। एक तो उसने अलोकप्रिय हो चुके मंत्रियों-रामबिलास शर्मा, कविता जैन, कैप्टन अभिमन्यु और ओमप्रकाश धनखड़ जैसे लोगों को टिकट दिया, जिनका हारना तय था। दूसरा उसने अपने उन लोगों को टिकट नहीं दिया जो या तो जीत गए या जिनकी वजह से बीजेपी का कैंडिडेट भी नहीं जीत सका और वे खुद भी हार गए। जैसे-पृथला से नयनपाल रावत, पुन्हाना से रहीश खान और रेवाड़ी से रणधीर कापड़ीवास।

अब बीजेपी को जजपा के साथ का दोहरा फायदा होगा। एक यह कि अब सिर्फ भूपेंद्र सिंह हुड्डा जाटों के सबसे बड़े नेता नहीं रह जाएंगे। जाटों की निष्ठा हुड्डा और चौटाला में बंट जाएगी। इस विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस ने जैसा चमत्कारिक प्रदर्शन किया, उससे हुड्डा का कद बढ़ा। यह बीजेपी के लिए भी रिस्की था और दुष्यंत चौटाला के लिए भी। दूसरा यह कि वह दो महीने बाद दिल्ली विधानसभा के चुनाव में बाहरी , पशिचमी और दक्षिण दिल्ली के जाट बहुल इलाकों में प्रचार के लिए जजपा नेताओं का इस्तेमाल करेगी।

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