ये रेत की इमारतें
तू इधर उधर की न बात कर ये बता कि क़ाफ़िला क्यूँ लुटा
मुझे रहज़नों से गिला नहीं तिरी रहबरी का सवाल है।
मुझे रहज़नों से गिला नहीं तिरी रहबरी का सवाल है।
और जब सवाल उठते हैं तो हाकिम बुरा मानते हैं। मीडिया सवाल क्यों उठा रहा है? क्यों नहीं वो वह सब कुछ छापता है जो हम चाहते हैं। हमारे ऊपर जिले भर की जिम्मेदारी है। थोड़ी बहुत ऊंच नीच हो जाती है। इमारतें कहां नहीं गिरतीं, अवैध कॉलोनियां कहां नहीं बसती। नोयडा और गाज़ियाबाद को लेकर इतना हंगामा क्यों?
जिल्ले इलाही, अधिसूचित एरिया में कोई भी मकान बना सकता है क्या? 6 मंजिल इमारत के पिलर 12 mm के सरिये पर टिकेंगे क्या? 12 फुट चौड़ी गली में 500 लोग सुरक्षित रहेंगे क्या? NDRF का काम मलबा हटाना है क्या? जिलों की डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी सिर्फ मौज काटने और मॉक ड्रिल के लिए बनी है क्या? बिल्डर बिना आपकी सहमति के अपने मन से अवैध और घटिया निर्माण कर लेते हैं क्या?
यदि इन सवालों का जवाब हां है तो आपकी रहबरी की जरूरत ही क्या है?
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