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Showing posts from March, 2019

किसकी गोद में वामपंथ ; जसोदा मैया या पूतना के

आज ही की तरह वह सम्भवतः 31 मार्च 1997 की तारीख थी। बिहार में गरीब-गुरबों और सामाजिक न्याय की सरकार थी। जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष रह चुके आइसा से जुड़े चंद्रशेखर सिवान में व्यवस्...

यह नुमाइश सराब की सी है

हस्ती अपनी हबाब की- सी है यह नुमाइश सराब की- सी है नाज़ुकी उसके लब की क्या कहिए पंखुड़ी इक गुलाब की- सी है मीर तकी मीर ने कई साल पहले जब यह रचना की तो सराब का इस्तेमाल बड़ी नज़ाकत से कि...

चुनावी चैता

पिया नाही अइले हो रामा, पिया नाही अइले, बीत गइले सउँसे चइतवा हो रामा पिया नाही अइले। जैसे ही कॉमरेड चंदू ने चैती गाना शुरू किया, भाजपाई दीनानाथ भड़क गए। खूब बूझते हैं हम इसका म...

होली को नष्ट कर रही यह शिष्टता

हरसु ने गुलेल को दुरुस्त कर लिया था। मिट्टी की गोलियां बनाकर उन्हें धूप में सूखा ही नहीं लिया था, बल्कि कंचे भी खरीद लिए थे। कानून व्यवस्था सम्भालने को चौकस दरोगा की तरह गोल...

मैं बक्सर हूँ

मैं बक्सर हूं। जी हां, गंगा और ठोरा या गंगा और करमनासा के संगम पर बसा हुआ। मेरी सीमा से ही बिहार में गंगा नदी प्रवेश करती है, मेरी ही धरती पर 1539 में शेरशाह ने हुमायूं को और 1764 में अं...

इहै हउवै भइया इलेक्शन का मेला

इहै हउवै भइया इलेक्शन का मेला अभी आपने प्रयागराज के कुंभ का मजा लिया होगा अब इलेक्शन रूपी सत्ता के कुंभ में डुबकी लगाने को तैयार हो जाइए। यहां भी वैसा ही नजारा रहता है। अब आ...

Say no to war कैंपेन क्यों?

Terror का अर्थ आतंक होता है, युद्ध नहीं। war का मतलब युद्ध होता है आतंक नहीं। पत्थरबाजी का अर्थ पत्थरबाजी होता है, युद्ध या आतंक नहीं। वॉर के अलावा प्रॉक्सी वॉर यानी छद्मयुद्ध और सि...