मैं बक्सर हूँ
मैं बक्सर हूं। जी हां, गंगा और ठोरा या गंगा और करमनासा के संगम पर बसा हुआ। मेरी सीमा से ही बिहार में गंगा नदी प्रवेश करती है, मेरी ही धरती पर 1539 में शेरशाह ने हुमायूं को और 1764 में अंग्रेज सेनापति मेजर हेक्टर मुनरो ने भारत की तीन सम्मिलित शक्तियों को परास्त किया था। मैंने विश्वामित्र को राम लक्ष्मण को शिक्षा देते और ताड़का का वध होते हुए भी देखा है। मेरी कोख से शिवपूजन सहाय और बिस्मिल्लाह खान पैदा हुए। मैंने अपनी छाती पर दौड़ा कर शिवनाथ सिंह को इस लायक बनाया कि वह भारत की तरफ से ओलम्पिक में मैराथन दौड़ सकें और ऐसा रेकॉर्ड बना सकें जो 40 साल बाद भी किसी से टूट नहीं रहा। मैंने सीताराम उपाध्याय को इस लायक बनाया जो दुनिया के सामने यह सवाल पूछ सके कि जब सभ्यता का विकास नदियों के किनारे हुआ तब क्या वजह थी कि सभ्यता गंगा घाटी में न पनपकर सिंधु घाटी में पनपी। तुम भले आज जिले के तौर पर मेरा 28वां जन्मदिन मना रहे हो लेकिन हकीकत यह है कि मैं कई साल या कई सदियां नहीं, बल्कि युगों पुराना हूं।
महाभारत काल में यहाँ दन्तवक्र नामक राजा था, कुछ लोग उसे दैत्य भी कहते हैं। जरासन्ध जब भी द्वारका पर चढ़ाई करने गया, बिना दन्तवक्र के कभी नहीं गया। उससे पहले दुर्वासा और पराशर समेत तमाम ऋषि मुनियों से मेरा सन्दर्भ भरा पड़ा है।
तुमने मेरा भूगोल देखा है? उत्तर में गंगा, पश्चिम में ठोरा और कर्मनासा, दक्षिण में सोन नहर और इसके ऊपर से गुजरती बनारस पटना रेलवे लाइन। हवाई अड्डे की जमीन पहले से ली गई है, बस उस पर उड़ान योजना वाली फ्लाइट शुरू हो जाये।
मैं अपने बर्थडे पर कोई शिकायत नहीं करना चाहता लेकिन बताओ कि तुम लोगों ने कितनी बार अपने सांसद से यहां से हवाई उड़ान का मुद्दा उठाया या उसे अपने मैनिफेस्टो में शामिल करने को कहा? कितनी बार मुझे मेरी पुरातात्विक महत्व की चीजों के साथ स्थापित करने की बात अपने सांसद से कही? कितनी बार बन्द पड़े साउंड एंड लाइट शो को दोबारा शुरू करने की मांग तुमने उठाई? कितनी बार तुमने यह सवाल उठाया कि ऐतिहासिक महत्व का किला क्यों राजकीय गेस्ट हाउस बना है, उसे जनता के लिए क्यों नहीं खोला जाता? कितनी बार तुमने घर में ही रोजगार का मसला इलेक्शन के दौरान उठाया? अभी चौसा में थर्मल पावर प्लांट बनाने के लिए तुमने अपनी जमीन दे दी। अब तुम मुआवजे के पैसे से ऐश करोगे। लेकिन क्या तुमने यह पूछा है कि वहां से निकलने वाली राख को निपटाने के सरकार का क्या प्लान है। अगर नहीं तो याद रखो कि तुम अपने बच्चों की साँसों पर आपातकाल लगाने का इंतज़ाम कर चुके हो।
अगर इनकी तरफ से आंखें मूंदे रहे तो हो सकता है कि मैं आने वाले समय में सिर्फ इसके लिए याद रखा जाऊं कि बक्सर की सोनपापड़ी बहुत मशहूर थी।
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