कल अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस था।

प्लेट में क्या है? जाहिर है चूड़ा-मटर। कुछ लोग चूड़े को पोहा कह सकते हैं। 

अब आते हैं भोजपुरी पर, तो यह है घुघुनी- चिउरा। घुघुनी किस चीज का तो मटर का। छिलका समेत मटर और निकले हुए दाने को गादा भी कहते हैं। चिउरा को भूंजा गया है और गादा को कल्हारते हैं। और यह भोज्य पदार्थ प्लेट में नहीं, छिपुली में है। छिपुली जो छिपा यानी थाली की तरह हो, लेकिन साइज में उससे छोटी हो।

तो यह होती है किसी बोली की ताकत, उसके शब्दों का भंडार।

भोजपुरी में बड़ी खाट या छोटी खाट नहीं होती। खटिया उससे छोटा खटोला और उससे छोटी मचिया। मचिया को आप मोढ़ा समझ लें।

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