कांग्रेस और खाट


यूपी में अपनी खड़ी हो चुकी खाट को बिछाने के लिए कांग्रेस ने खाट पंचायत की। द की तुकबंदी बनाने के लिए देवरिया से दिल्ली तक की यात्रा शुरू की है। यूपी में कांग्रेस की खाट बिछेगी या खड़ी ही रहेगी ये तो 2017 में पता चलेगा लेकिन फिलहाल तो खाट लुट गई हैं।

थोड़ा विषयान्तर
डुमराँव के पूर्व महाराजा के परिवार में किसी की मौत हो गई थी। दशकर्म के दिन उन्होंने महा ब्राह्मणों को चांदी की फुल साइज चौकी दी थी। महा पात्रों ने डुमराँव की सीमा से निकलते ही चौकी आपस में झगड़ा कर तोड़ दी और पाया-पटिया जिसके हाथ जो लगा वो ले गया। महर्षि देवराहा बाबा के इलाके देवरिया में भी लालच इस कदर हावी था कि राहुल गांधी के जाते ही पाया-पटिया जिसे जो मिला वो ले गया। शायद यह सोच रहे होंगे कि यूपी में कहीं कांग्रेस की सरकार बनी और सरकारी दफ्तरों में कोई काम पड़ा तो खाट की पाट सबूत के तौर पर लेकर जाएंगे कि देखो हम भी राहुल की सभा में थे। 1992 में जब अयोध्या कांड हुआ उसके बाद उस विवादित ढांचे के ईंट-पत्थर कई घरों में हैं। लोग गर्व से बताते थे कि वे भी उस वक़्त अयोध्या में थे।

खाट है क्या?
खाट और आँख में कई समानताएं हैं। जैसे आंख का न आना ठीक होता है न जाना, वैसे ही खाट का न खड़ा होना ठीक होता है न ही उसकी बुनावट के ढीले होने का। नसकट खटिया भोजपुरी का एक चर्चित मुहावरा है जिसका मतलब होता है कि यदि आपकी लंबाई से आपकी खाट की लंबाई कम है तो सोते समय आपके पैरों की नसें दबेगी और आपका खाना नहीं पचेगा। यानी किसी को बीमार डालना हो तो उसके लिए उसकी लंबाई से आधा फुट छोटी खाट बनवा दो। खाट कब उसका नाश कर देगी, पता भी नहीं चलेगा।

खाट की संरचना
खाट की परंपरागत बुनाई दो तरह से होती है। चारबधिया और छहबधिया। खाट की बुनाई में या तो चार रस्सियों का समूह दिखता है या छह का। साथ ही इसका ख्याल भी रखा जाता है कि यह बुनाई साइड में लगे डंडों पर सम संख्या में आए। खाट बुनने वाले इसे इंद्र, चंद्र, यम और राज कहते हुए गिनते हैं। गिनती चंद्र और राज पर खत्म हो तो ठीक नहीं तो पूरी खाट दोबारा बुनी जाती है। कांग्रेस की खाट से शुरू हुई कवायद राज तक पहुंचती है या उसे रास्ते में यम का कोप झेलना पड़ेगा, इसका पता अगले साल चलेगा।

खाट और ग्लैमर
खाट भले ही देसी चीज हो लेकिन जलवा बॉलीवुड तक है। सरकाई लेओ खटिया जाडा लगे याद ही होगा। एक भोजपुरी गाना है कि खटिया प खटपट हो जाई बलम एसी कूलर लगा द हो।
 
खाट की राजनीति
एक जमाने में ऑन मौसमी लालू यादव के पीके हुआ करते थे। चुनाव लालू जीतते थे और क्रेडिट ऑन को जाता था। कांग्रेस यूपी में बढ़िया की तो यही कहा जायेगा कि पीके ने पहले तो यूपी में पार्टी के बूढ़े चिरागों को रोशन किया और फिर खाट का भी इंतजाम कर दिया। दूसरे लोग न तो अपने बूढ़े चिरागों पर इतरा सके और न ही उनके लिए खाट बिछा सके। नतीजतन उनकी खाट खड़ी हो गई।

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