सुपौल : मद्य निषेध मंत्री की सीट पर शराबबंदी का कितना असर?
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कोसी बैराज। Photos Sanjay Kumar |
बिजेंद्र यादव इस चुनाव में जनता दल यू के उम्मीदवार हैं। उनके सामने हैं कांग्रेस के मिन्नत रहमानी। विजेंद्र यादव
इस सीट से 1990 से लगातार चुनाव जीत रहे हैं। 1990 और 1995 में जनता दल के टिकट पर। उसके बाद जेडीयू के प्रत्याशी बनकर। पिछली बार जनता दलयू के दूसरे उम्मीदवारों की तरह इन्हें भी राजद का समर्थन हासिल था और इस बार भाजपा का। चुनाव में सब कुछ वैसे ही है जैसे पहले था लेकिन गोपालगंज के डीएम जी. कृष्णैया की हत्या में उम्रकैद काट रहे आनंद मोहन का राजद को समर्थन इस बार इनके चुनावी गणित पर असर डाल सकता है। कांग्रेस उम्मीदवार कितना राजपूत और यादव वोट ले पाते हैं, इसी में उनकी सफलता का पैमाना छिपा है। दूसरी ओर, विजेंद्र यादव स्वजातीय वोटरों को अपने पाले में कितना रख पाते हैं, यह महत्वपूर्ण होगा। आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद पड़ोसी जिले की सहरसा सीट गठबंधन की उम्मीदवार हैं। कोसी इलाके में स्वजातीय वोटरों में आनंद मोहन सिंह के प्रभाव से इनकार नहीं किया जा सकता। उनके बेटे को भी राजद विधानसभा चुनाव लड़ा रहा है, ऐसे में राजपूत वोट को लेकर जदयू का सशंकित होना स्वाभाविक है। बाकी बीजेपी के वोटर विजेंद्र यादव के साथ दिख रहे हैं। कोसी इलाके में पटसन की बेहतर पैदावार से नेपाल का जूट उद्योग लहलहा रहा है लेकिन यहां के युवा नौकरी की तलाश में पलायन कर रहे हैं। इसके बाद भी वोट शायद ही जूट के मसले पर पड़ें। हां, जंगलराज बनाम सुशासन का मुद्दा छाया रह सकता है।
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कोसी महासेतु |
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