राजपुर : फिर निशाने पर लगेगा तीर?

बक्सर जिले की सुरक्षित विधानसभा सीट, जो आमतौर पर समीक्षकों व विश्लेषकों की दिलचस्पी का केंद्र नहीं है। इस बार यह सीट चर्चित है क्योंकि यहां जेडीयू की प्रतिष्ठा फंसी है। जेडीयू यहां हैट्रिक लगा चुका है और यहां से उसने फिर अपने परिवहन मंत्री संतोष निराला को उम्मीदवार बनाया है। उनके सामने हैं महागठबंधन की तरफ से कांग्रेस उम्मीदवार विश्वनाथ राम जो  पिछले चुनाव में यहां से भाजपा प्रत्याशी थे। तब जेडीयू और राजद का गठबंधन बीजेपी के सामने था। इस बार बंटवारे में यह सीट जेडीयू के हिस्से में चली गई तो वि‌श्वनाथ राम ने नॉमिनेशन के दौरान दिल्ली जाकर कांग्रेस जॉइन की और उम्मीदवार बन गए। यानी महागठबंधन के पास ऐसा कोई चेहरा नहीं था जिसे वह यहां से उतार सके।


कांग्रेस प्रत्याशी विश्वनाथ राम ने 11 अक्टूबर को जेपी जयंती पर उन्हें नमन किया है। उन्होंने जेपी को स्वतंत्रता सेनानी बताया लेकिन उस फेसबुक पोस्ट में इमरजेसी का जिक्र नहीं किया है। पोस्टर पर जेपी के साथ-साथ सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियका गांधी के भी फोटो हैं। कांग्रेस पार्टी का सिंबल भी जेपी के फोटो के साथ दिख रहा है। यह एक दुर्लभ संयोग है। विश्वनाथ राम पिछले चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार थे, तो क्या अभी भी पुराने वोटरों को  बांधे रखने की यह रणनीति है या जेपी के प्रति कृतज्ञता? विश्वनाथ राम कुछ दिन पहले तक बीजेपी में जिन रामनारायण राम के राजनीतिक उत्तराधिकारी थे, वह अगड़ी जातियों में अपने व्यवहार को लेकर लोकप्रिय थे। क्या इस पोस्ट के जरिये सबको साधने की जुगत में हैं विश्वनाथ राम?

जितने भी राजनीतिक दल हैं, राजपुर ने किसी को निराश नहीं किया। जनता पार्टी, कांग्रेस, भाजपा, सीपीआई, बसपा,और जदयू अधिकतर दलों के यहां से विधायक बनते रहे हैं। यह क्षेत्र कभी वर्ग संघर्ष के लिए जाना जाता था, लेकिन लेफ्ट पार्टियों का असर कम दिखता है। यूपी की सीमा से सटा होने के कारण बसपा का प्रभाव है। इलाके में सक्रिय बड़े दस्यु सरगना मारे जा चुके हैं। लोग अब घरों में शौच करते हैं तो सफाई को लेकर आई जागरूकता के कारण। नहीं तो 1990 के दशक का वह भी दौर था, जब पुरुष बाहर शौच करने जाते थे तो वहां पास ही में दूसरी तरफ मुंह कर कोई सुरक्षा में राइफल लिए खड़ा रहता था।

जेडीयू ने जिले में अपने एक सिटिंग कैंडिडेट का टिकट डुमरांव में काट दिया है और अब उसका यही पर महत्वपूर्ण प्रत्याशी चुनाव लड़ रहा है। लोजपा अपने वादे के मुताबिक, इस सीट पर भी फाइट में है। लोजपा ने कहा था कि जदयू जहां-जहां कैंडिडेट उतारेगा, वहां उसके भी प्रत्याशी मुकाबले में रहेंगे।जदयू और लोजपा दोनों के प्रत्याशियों का सरनेम निराला है। बसपा यहां से एक बार चुनाव जीत चुकी है और इस बार रालोसपा के साथ जुगलबंदी कर मैदान में है। राजपुर का राज भी 10 नवंबर को ही खुलेगा, उसके पहले तो संभावना का गुणा-गणित ही लगाया जा सकता है।

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