शाहाबाद किसे करेगा आबाद? (चुनावी चकल्लस)


गुप्ता धाम जाने में फोटो क्लिक की
बक्सर सोहनी पट्टी निवासी रंजन कुमार ने
बिहार का शाहाबाद, जहां कैमूर की सुरम्य और दुर्गम पहाड़ियां भी हैं और गंगा और सोन के ऊपजाऊ मैदानी इलाके भी। यहां दुर्गावती भी बहती है और कर्मनाशा भी। कथाएं बताती हैं कि यहां  के गुप्ताधाम में भस्मासुर से बचने के लिए कभी शिव छिपे थे तो स्थानीय लोगों के मुताबिक, बगल का रोहतासगढ़ कभी नक्सलियों के छिपने का ठिकाना बना हुआ था। गुप्ता धाम जहां चैत और सावन में बहुत सारे शिवभक्त जाते हैं। जयपुर में जयगढ़ और नाहरगढ़ का किला देखने जाने वाले कभी रोहतासगढ़ के किले की जानकारी लेते नहीं दिखते, जो भारत का सबसे प्राचीन और भव्य किला माना जाता है। बंजारी सीमेंट यहीं का प्रॉडक्ट है। डालमियानगर इसी क्षेत्र का हिस्सा है। जिस तरह एमपी के चंबल, भिंड, मुरैना में लोग बीहड़ में जाकर बागी बन जाते थे, उसी तरह समाज और सिस्टम से निराश और हताश लोग कभी कैमूर पहाड़ी पर चले जाते थे और वहां या तो खुद का गैंग बनाते थे या किसी डकैत गैंग में शामिल हो जाते थे। मीलों लंबाई और चौड़ाई में फैली पहाड़ी जो आज तक पर्यटक स्थल नहीं बन पाई। न जंगलराज में न सुशासन काल में। यहां रहने वालों पर महुए की शराब बनाने का आरोप लगाना आसान है, लेकिन यह बताना मुश्किल है कि वे ऐसा न करें, इसके लिए उन्हें क्या रोजगार मुहैया कराए गए? शाहाबाद, जहां के भोजपुर इलाके में कभी नक्सलियों के लाल सलाम गूंजते थे तो बक्सर जैसी जगह पर वैदिक ऋचाएं भी। यदि यहां की मिट्टी में शेरशाह दफन है तो अपने जीवनकाल में उसने इसी धरती (चौसा) पर हुमायूं को 1539 में परास्त किया था। जहां जीटी रोड समेत कई नैशनल हाइवे हैं, लेकिन कोई ट्रॉमा सेंटर नहीं है। इलाज के बेहतर संसाधन नहीं हैं लेकिन बक्सर का महाश्मशान है जहां रात पौने बारह से सवा  बारह यानी आधे घंटे को छोड़कर साढ़े 23 घंटे चिताएं जलती हैं।

अब बात चुनाव की
शाहाबाद क्षेत्र यानी पुराना शाहाबाद जिला जिसमें भोजपुर, रोहतास, बक्सर और कैमूर चार जिले आते हैं। रोहतास और भोजपुर जिले में विधानसभा की सात-सात सीटें हैं जबकि बक्सर और कैमूर में चार-चार। 2015 के विधानसभा चुनाव को देखें तो यहां सबसे अधिक 9 सीटें राष्ट्रीय जनता दल को मिली थीं। बीजेपी और जेडीयू पांच-पांच सीटें लेकर दूसरे नंबर पर थे। सीपीआई( एमएल), कांग्रेस और रालोसपा को एक-एक सीट मिली थी। उस समय राजद. कांग्रेस और जदयू का गठबंधन था यानी इस मोर्चे ने शाहाबाद की 22 में से 15 सीटें जीती थीं। उस समय रालोसपा एनडीए का हिस्सा थी। इस हिसाब से एनडीए को यहां छह सीटें मिली थीं। हालांकि बाद में रालोसपा जब महागठबंधन मे चली गई तो उसके दोनों विधायक जदयू में मर्ज कर गए। इन्हीं दो विधायकों में से एक हैं ललन पासवान, जो चेनारी से जीते थे और इस बार इस रिजर्व सीट से जेडीयू के उम्मीदवार हैं। दूसरे विधायक हरलाखी के सुधांशु शेखर हैं। माले और कांग्नेस ने यहां एक-एक सीटें जीतकर अपनी उपस्थिति बरकरार रखी थी। यहां मतदान पहले चरण में होना है, लिहाजा हर गठबंधन यहां लीड लेने की कोशिश करेगा, क्योंकि यहां की फुसफुसाहट का असर पूरे राज्य में पड़ेगा।

सासाराम में है शेरशार का रौजा
2015 के चुनाव में एक चौंकाने वाली बात कैमूर में हुई थी। बक्सर और भोजपुर जिले में पूरी तरह साफ होने के बाद बीजेपी ने यहां की चारों सीटें रामगढ़, मोहनिया (सुरक्षित), भभुआ और चैनपुर जीत ली थी। चौंकाने वाली बात इसलिए क्योंकि यहां के रामगढ़ से राजद के जगतानंद सिंह आते हैं जो इस समय पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं और पार्टी में सवर्ण चेहरा भी। उस समय राजद और जदयू मिलकर लड़े थे फिर भी कैमूर की वादियों में बीजेपी का किला सुरक्षित रहा था। अब यूपी से आने वाले बीजेपी के स्टार प्रचारकों की जिस तरह लगातार कैमूर में मीटिंग कराई जा रही है उससे लगता है कि बीजेपी इस जिले को कितनी गंभीरता से ले रही है और वह अपना प्रदर्शन दोहराने की कोशिश में है। यह इलाका बनारस से सटा हुआ है लिहाजा वहां यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को बुलाया गया, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह का प्रोग्राम है। जिस समय योगी कैमूर में चुनावी सभा कर रहे थे उसी दौरान बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा बक्सर किला मैदान में थे जिस पर कई बार बीजेपी का कब्जा रह चुका है। नड्डा बक्सर से आरा गए जहां पिछला चुनाव बीजेपी करीब साढ़े छह सौ वोट से हारी थी। महागठबंधन से सीएम फेस तेजस्वी यादव ने कल भोजपुर में सभा की, जहां की सात में से पांच सीटें राजद ने पिछली बार जीती थी। राजद के लिए यह समय कठिन है क्योंकि पिछली बार वह यहां जेडीयू के साथ था और जेडीयू जिले की अगिआंंव सीट जीत चुका है। हालांकि राजद के लिए आंकड़ों में राहत यह है कि इस बार सीपीआई एमएल उसके साथ है, जो पिछली बार यहां की तरारी सीट पर विजयी रहा था।

वन, पहाड़, नदी, खेत जैसे प्राकृतिक संपदा वाले शाहाबाद क्षेत्र में कभी किसी एक दल या गठबंधन की बयार नहीं बही। जाति और जातीय संंतुलन के हिसाब से वोटिंग होती है और राजनीतिक दल इसे बखूबी समझते हैं। लिहाजा स्थानीय मुद्दों पर कोई दल और बड़े नेता बात नहीं करते। यहीं इस क्षेत्र के पिछड़ेपन की बड़ी वजह है। हाइपर लोकल मुद्दे किस रैली में उठ रहे हैं, अभी तक सुनाई नहीं दे रहा। कई दलों के मैनिफेस्टो आ चुके हैं जिनमें उनका राज्य या राष्ट्रस्तरीय दर्शन दिख रहा है।

शाहाबाद की राजनीतिक संरचना
2015 के आंकड़े

रोहतास जिला 
विधानसभा सीटें                                              विधायक                                     पार्टी
1-चेनारी (सुरक्षित)                                         ललन पासवान                              रालोसपा ( जेडीयू में चले गए)
2-सासाराम                                                  अशोक कुमार                              राष्ट्रीय जनता दल (इस बार जदयू कैंडिडेट)
3-करगहर                                                   वशिष्ठ सिंह                                   जनता दल यूनाइटेड
4-दिनारा                                                     ज्य्कुमार सिंह                              जनता दल यूनाइटेड
5-नोखा                                                       अनीता देवी                                   राष्ट्रीय जनता दल
6-डेहरी                                                       सत्यनारायण सिंह                           भारतीय जनता पार्टी
7-काराकाट                                                 संजय कुमार सिंह                           राष्ट्रीय जनता दल   


बक्सर जिला
विधानसभा सीटें                                              विधायक                                     पार्टी
1-राजपुर (सुरक्षित)                                         संतोष कुमार निराला                     जनता दल यूनाइटेड
2-बक्सर                                                        संजय कुमार तिवारी                      कांग्रेस (आई)
3-डुमरांव                                                       ददन यादव                                 जनता दल यूनाइटेड ( अब निर्दलीय मैदान में)
4-ब्रह्मपुर                                                        शंभू यादव                                   राष्ट्रीय जनता दल


कैमूर जिला
विधानसभा सीटें                                              विधायक                                     पार्टी
1-रामगढ़                                                       अशोक कुमार सिंह                      भारतीय जनता पार्टी
2-मोहनिया (सुरक्षित)                                        निरंजन राम                                भारतीय जनता पार्टी
3-भभुआ                                                       रिंकी रानी पांडेय                         भारतीय जनता पार्टी
                                                                   (इनके पति आनंद भूषण पांडेय 2015 में 
                                                                   जीते थे,उनके निधन के बाद हुए उपचुनाव 
                                                                    में रिंकी रानी ने यह सीट जीती थी)    
4-चैनपुर                                                       ब्रज किशोर बिंद                             भारतीय जनता पार्टी

भोजपुर जिला
विधानसभा सीटें                                              विधायक                                     पार्टी
1-बड़हरा                                                      सरोज यादव                               राष्ट्रीय जनता दल
2-आरा                                                         नवाज आलम                              राष्ट्रीय जनता दल
3-अगिआंव                                                   प्रभुनाथ प्रसाद                              जनता दल यूनाइटेड
4-तरारी                                                        सुदामा प्रसाद                              सीपीआई (एमएल)
5-संदेश                                                        अरूण कुमार                             राष्ट्रीय जनता दल
6-जगदीशपुर                                                 रामबिशुन लोहिया                         राष्ट्रीय जनता दल
7-शाहपुर                                                     राहुल तिवारी                                  राष्ट्रीय जनता दल


                      

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