लेंटर के बोझ से दिल्ली में खिसकी भाजपा की जमीन?

दिल्ली नगर निगम के लिए हुए चुनाव में बीजेपी की जमीन क्या लेंटर के मसले पर खिसक गई? नतीजे आने के बाद यह चर्चा भी जोर पकड़ रही है। एमसीडी चुनाव-2022 में आम आदमी पार्टी ने स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया है। 250 सदस्यीय सदन में पार्टी ने 134 सीटें जीती हैं। बीजेपी जो 15 साल से यहां सत्तारूढ़ थी, वह 104 सीटों के साथ विपक्ष में आ गई है। दिल्ली में फ्लैट डीडीए डिवेलप करता है, उसे बेचता है और उसके बाद इलाका दिल्ली नगर निगम के हवाले हो जाता है। उसके बाद डीडीए का कोई लेना-देना नहीं रह जाता। रेनोवेशन, री कंस्ट्रक्शन ये चीजें एमसीडी के बिल्डिंग डिपार्टमेंट के तहत चलती हैं। कच्ची कॉलोनियोंं में नक्शे बनाने का जिम्मा भी एमसीडी के पास है। दिल्ली में दो तरह के लोग हैं, एक मकान मालिक और दूसरा किरायेदार। फर्ज करिये कि किसी ने 20 साल पहले डीडीए या बिल्डर या अनधिकृत इलाके में फ्लैट खरीदा। जब उसे रिपेयर कराने की जरूरत होगी तो नगर निगम की बाबूगिरी में उसे परमिशन ही नहीं मिलेगी। जब निर्माण कार्य शुरू होगा तब वहां भवन विभाग का जेई पहुंचेगा और मुंह बंद रखने और स्थानीय पार्षद को देने के नाम पर वसूली करेगा...